इंद्र जिमि जंभ पर… बाडव सुअंभ पर… रावण सदंभ पर… रघुकुलराज है !
पौन बारिबाह पर… संभु रतिनाह पर… ज्यों सहसबाह पर… राम द्विजराज है !
उदरात माउली… रयतेस साउली… गडकोट राउळी… शिवशंकर हा
मुक्तीची मंत्रणा… युक्तीची यंत्रणा… खल दुष्टदुर्जना… प्रलयंकर हा
संतास रक्षितो… शत्रू निखंदतो… भावंडभावना… संस्थापितो
ऐसा युगेयुगे… स्मरणीय सर्वदा… माता-पिता-सखा… शिवभूप तो
दावा दृमदंड पर… चीता मृगझुंड पर… भूषन वितुंड पर… जैसे मृगराज है !
तेज तम अंस पर… कान्ह जिमि कंस पर… त्यों मलिच्छ बंस पर… सेर सिवराज है !
जय भवानी, जय शिवाजी !
Thanks to Nik for sending this.
In case any of you want to read the whole poem you can visit this link.
Comments
knowledge is not anybody's monopoly.
plz hyache lyrics koni lihile kinva hi kuthli juni kavita ahe ka? ani singer kon ahe he sangu shaktos ka?
I think singer was Umesh Umap