ना जाने कब से, उमीदें कुछ बाकी हैं
मुझे फिर भी तेरी याद क्यूँ आती है
ना जाने कब से....
दूर जितना भी तुम मुझ से पास तेरे में
अब तो आदत सी है मुझ को ऐसे जीने में
ज़िन्दगी से कोई शिकवा भी नहीं है
अब तो जिंदा हूँ में इस नीले आसमान में
चाहत ऐसी है यह तेरी बर्र टी जाये
आहात ऐसी है यह तेरी मुझ को सताए
यादें गहरी हैं इतनी दिल डूब जाए
और आँखों में यह गम नम बुन जाये
हे हे हे हे आ आ आ ओ ओ ओ
अब तो आदत सी है मुझ को ऐसे जीने में
हे हे हे हे आ आ आ ओ ओ ओ
आआआआ ओ ओ ओ
सभी राते हैं
सभी बातें हैं
भुला दो उन्हे
मिटा दो उन्हे
आ आ आ ओ ओ ओ
आआआआ ओ ओ ओ
अब तो आदत सी है मुझ को………..
Comments
ani athwan yene samju shakto..abhi bhi ummeeden kuch baki hai? :O
It is just a part of the song